Skip to main content

20/5/20 जय श्री कृष्णा

जिस काल में यह जीव मन में स्थित संपूर्ण कामनाओं को भलीभांति त्याग देता है और आत्मा से आत्मा में ही संतुष्ट रहता है उस काल में वह स्थितप्रज्ञ कहा जाता है।

                         श्री कृष्ण गीता

Comments

Popular posts from this blog